दहेज की शिकायत किससे और कहाँ करें?: दोस्तों आपने दहेज शब्द को आपने सुना होगा। यह समाज के लिए कलंक हैं। पहले के अपेक्षा आज की लड़किया पढ़ लिख रही है और प्रत्येक क्षेत्र में अपना नाम ऊंचा कर रही हैं। लेकिन जैसे ही लड़की की शादी की बात आती है तो सबसे पहले दहेज का नाम सबसे पहले आता हैं। पहले के समय की तुलना की जाए तो आज दहेज हत्या में कमी आ रही हैं। लेकिन समाज से पूरी तरह बंद नही हुई हैं। ऐसी बहुत सी जगह है जहा पर दहेज के अभाव में लड़की की हत्या कर दी जाती हैं।
आज के इस लेख में हम आपको दहेज की शिकायत किससे और कहां करें तथा दहेज लेने पर कौन सी सजा और शिकायत करने की कौन कौन सी प्रक्रिया होती है इन सभी के बारे में जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी। इसके लिए आप यह लेख अंत तक पढ़े।
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दहेज क्या होता है?
दहेज की बात करे तो यह विवाह के समय वर को दी जाने वाली एक प्रकार की संपति हैं। इसके तहत वधू पक्ष के लोग वर पक्ष के लोगो को पैसे के साथ कई प्रकार का सामान भी देते हैं। वर को मिलने वाली राशि और समान को दहेज के रूप में जानते हैं।
दहेज अधिनियम 1961
दोस्तो अगर दहेज प्रथा की बात की जाए तो इसका इतिहास भारत में काफी पुराना हैं। प्राचीन समय में भी लोग कन्या को वर के साथ विदा करने पर उसको कुछ समान दिया जाता था। लोग इसको ग्रह्थि जमाने के उद्देश्य से देते थे। लेकिन आज के समय में दहेज एक प्रकार का कलंक हो गया हैं। अब तो वर पक्ष की ओर से अपनी इच्छानुसार राशि माग की जाने लगी हैं। दहेज के लिए ससुराल में लड़कियों को प्रताड़िस भी किया जाता हैं। इसके अलावा उन्हें शारीरिक और मानशिक रूप से भी कई यातनाएं दी जाति हैं। सरकार ने इस प्रथा पर रोक लगाने के लिए दहेज अधिनियम 1916 को लागू किया हैं। इस धारा के आ जाने से दहेज को लेने वाले लोगो पर सजा का प्रावधान किया गया हैं।
दहेज अधिनियम 1961 में क्या होता है?
सरकार ने दहेज अधिनियम में वधू को सुरक्षा प्रदान करने के लिए कई प्रकार के प्रावधान किए हैं। जो की निम्न प्रकार से हैं।
धारा 1
इस धारा में दहेज लेने वाले व्यक्ति, दहेज देने वाले, दहेज के लिए उकसाने वाले लोग इसमें दोषी पाए जाते है तो उनको 5 वर्ष की कैद और 15 हजार रूपए का जुर्माना देना होता हैं।
धारा 2
इसमें दहेज लेने वाले व्यक्ति को 5 वर्ष की सजा और 15 हजार रूपए का जुर्माना देना होता होता हैं। इसके अलावा वधू पक्ष की ओर से दिए जाने वाले समान की लिस्ट बनाई जाती हैं।
धारा 4 ए
इस धारा के तहत कोई व्यक्ति पुत्र या पुत्री के विवाह के बदले किसी प्रकार की संपति या राशि की बात करते हुए पाया जाता हैं। तो वह दहेज के ही श्रेणी में आता हैं। इसमें न्यूनतम 6 वर्ष तथा अधिकतम 5 वर्ष तक का कारावास हो सकता हैं। इसके अलावा उस व्यक्ति को ₹15000 का जुर्माना भी भरना होता हैं।
इसके अलावा दहेज में बहुत सारी धाराएं होती हैं जो अलग-अलग कारण से लगाई जाती हैं।
दहेज प्रथा से समाज पर क्या प्रभाव पड़ रहा है
दहेज प्रथा की वजह से समाज के लोगो में बहुत बुरा असर हो रहा हैं। जो की निम्न प्रकार से हैं।
- लड़कियों की शिक्षा में भेदभाव किया जाता हैं।
- समाज में ऐसे बहुत से माता पिता होते है जो अपनी लड़की की शादी दहेज न दे पाने के कारण नहीं कर पाते हैं। इसके कारण बहुत सी लड़कियां अविवाहित रहती हैं।
- दहेज न देने के कारण ससुराल में दहेज के लिए प्रताड़ित करना।
- दहेज देने के कारण बहुत से मायके पक्ष के लोग कर्जदार हो जाते हैं और वह जीवन भर दहेज की इस चक्की में पिसते रहते हैं। इसके कारण बहुत से लोग तनाव में रहने लगते हैं।
- इसी कारण से कन्या भ्रूण हत्या को बड़ावा मिलता हैं।
दहेज में दी गई स्मपति न लौटाने पर कौन सी सजा मिलती हैं।
यदि कोई व्यक्ति दहेज प्रथा में लिप्त पाया जाता है तो उसको न्यूनतम 6 महीने से लेकर 2 साल तक की सजा दी जाती है तथा इसके अलावा ₹5000 से लेकर ₹10000 तक का जुर्माना भी देना होता हैं।
दहेज की शिकायत कहां और कैसे करें? (दहेज की शिकायत किससे और कहाँ करें?)
दहेज से संबंधित महिला शिकायत ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से कर सकती हैं। ऑफलाइन माध्यम से शिकायत दर्ज कराने के लिए उसको सबसे पहले निकट के थाना में जाना होता हैं। इसके बाद वह FIR दर्ज करवा सकती हैं। ऑनलाइन माध्यम से रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए अपने राज्य के शिकायत की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होता हैं। वहा पर जाकर आपकी शिकायत दर्ज हो जाती हैं।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको दहेज का होता है तथा दहेज की शिकायत कैसे करें। इसके बारे में सारी जानकारी दी है आशा करता हूं यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा।
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अभय गुप्ता उनकी महारानी गुप्ता मेरे से रात रात भर काम करवाती हैं दुकान में राला डर लगता है अबे गुप्ता और दहेज मांग रहा है जरा अपना मकान बेचकर को पैसा दो मेरी जेवर चीन के गिरवी रखी आया है नहीं दे रहा मेरे को मारपीट कर रहा है मेरे कोकोई ऐसा दिन नहीं जाता है जिस दिन हम को मारता नहीं है ना खाने को देता है और ना ही कपड़े लगते देता मेरे बच्चों से नौकरों जैसा काम करवाता है बच्चा डर की वजह से अपने नानी नाना कहां भाग गया है मेरे पति एक्सपायर हो गए थे यह मेरा दूसरा पति हैइतना मारता है इतना मारता है मेरा पूरा शरीर नीला कर देता है कहता है जहां पुलिस में लिखवाना लिखवा दो पुलिस वालों से नहीं डरते हैं
Kanpur जान से मारने की कोशिश कर रहा है मेरे को मेरे बच्चों को मुझे ज्यादा दुकान में बैठा था अपना सोता है अपनी मां को भी सुला लेता है अपने घर वालों को भी हमको ना सोने देता है ना खाने को दे देना कपड़े देता है अभय गुप्ता और उसकी मां रानी गुप्ता
अभय गुप्ता ओर उनकी मां रानी गुप्ता मिल के बहुत मरते h mere ko dukaan mein रात-रात bhar kam karvata hai na Sone ko deta hai na khane ko deta hai na kapde deta hai मेरी पूरी जेवर मां बेटे मिलकर ले गए लाल बंगले में गिरवी रखी है मैं मांग रही हूं तू मेरे को मार पीट कर रहे हैं दोनों मिलकर बोल रहे अपना मकान भी तो मेरी मां के नाम मकान खरीदना है वह सारा पैसा मुझको दूं यह रानी गुप्ता अजय गुप्ता मिलकर मुझे बहुत पीड़ित करें मेरे पति इस बार हो गए थे मैंने दूसरी शादी की है मेरे पहले के दो बेटे हैं मेरे बेटे को भी मारता है मेरे को भी मारता है और रात भर मां बेटे से दोनों से मेरे से काम कराता है यह दोनों मां बेटे मुझको मारते हैं अभय गुप्ता रानी गुप्ता प्लीज मेरी मदद कीजिए हाथ जोड़कर विनती है मेरा कोई नहीं है इन मां-बेटे को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाई है यह अभय गुप्ता ने जाने कितनों की जिंदगी बर्बाद करिए इसकी मां लूट लूट के रखा है अपने पास जाने कितनों की जेवर यामी गुप्ता की मां करवाती है सबकुछ अभय गुप्ता से